Aalhadini

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Murder or trap 13

वह एक हाथ जैसा दिख रहा था। उस हाथ की दिखाई देते ही रूद्र ने आदित्य को इशारा किया और इशारे से उस हाथ के पास से वीडियो बनाने के लिए कहा।

 रुद्र का इशारा पाते ही आदित्य ने कैमरे के लेंस को जूम करते हुए उस हाथ को नजदीक से रिकॉर्ड करना शुरू कर दिया। जैसे ही रूद्र को वह हाथ दिखाई दिया।

 रूद्र ने मृदुल को फोन लगाया और कहा, "तुम जितनी जल्दी हो सके एक पुलिस टीम और समर को लेकर दीप के बंगले पर पहुंचो। वहां पहुंचते ही सीधे किचन गार्डन की तरफ आ जाना। मुझे लाश मिल गई है।"

 लाश का सुनते ही फोन के दूसरी तरफ मृदुल बहुत ज्यादा खुश हो गया था।  उसने आधा घंटे में पहुंचने का कहकर फोन काट दिया।

 रूद्र ने ग्लव्ज पहने अपने हाथों से सावधानी पूर्वक उस लाश पर से मिट्टी हटाना शुरू कर दिया..  20 मिनट के बाद लाश के ऊपर से मिट्टी पूरी तरह से हटा दी गई थी।  उसके बाद रूद्र गड्ढे के ऊपर चढ़कर बाहर आ गया और अपने हाथ झाड़ते हुए एक तरफ अपनी कमर पर हाथ रखकर खड़ा हो गया  

 रुद्र के कहने पर आदित्य ने वह सारी रिकॉर्डिंग कर ली थी। उसके बाद रूद्र ने गीत से कहा, "एक काम करो.. यहां का बाकी का काम यह मोटा कर लेगा।  तुम फटाफट चैनल के ऑफिस पहुंचो और इस न्यूज़ को टेलीकास्ट करने की तैयारी करो। 1 घंटे के अंदर ही अंदर यह न्यूज़ तुम्हारे चैनल पर टेलीकास्ट होनी चाहिए। अगर 1 घंटे से 5 मिनट भी ऊपर हुए.. तो यह न्यूज़ मैं किसी और को दे दूंगा।"

 गीत ने हड़बड़ाते हुए रूद्र की तरफ देखा और कहा, "पागल हो गए हो क्या..?? मैंने  रात भर से बैठकर इस न्यूज़ पर स्टोरी तैयार की है और अब तुम न्यूज़ किसी और को देने की बात कर रहे हो।"
 
रूद्र ने गीत के पास जाते हुए गीत को घूरते हुए कहा, "बात कर रहा हूं.. अगर 1 घंटे में यह स्टोरी टेलीकास्ट नहीं हुई तो…!!! उससे पहले टेलीकास्ट कर देना... मुझे तो बस यह न्यूज़ चलने से मतलब है। यह तुम कब और कैसे करती हो.. यह तुम्हारी टेंशन है.. मेरी नहीं??" 

ऐसा कहते हुए रूद्र उस खोदे हुए गड्ढे के आसपास चक्कर लगाते हुए कुछ ढूंढने लगा। उस गड्ढे के चारों तरफ चक्कर लगाते समय रुद्र को वहां पर एक महंगा डायमंड लगा कफ्लिंग दिखाई दिया।

 रुद्र दोबारा से सावधानी से उस गड्ढे में उतरा और उसका कफ्लिंग को उठाकर एक जिप लॉक बैग में रख लिया।

 तब तक बाहर से पुलिस जीप के सायरन की आवाज आने लगी थी। मृदुल ने उतर कर दीप के घर के चौकीदार से दरवाजा खुलवाया और गाड़ी लेकर अंदर आ गया। पुलिस सायरन की आवाज सुनते ही अवंतिका, अधिराज और अंजू भी बंगले के बाहर निकल आए थे।

 उन्होंने मृदुल को पुलिस फोर्स और कुछ और लोगों के साथ अंदर आया देख मृदुल को डांटना शुरू कर दिया। मृदुल बिना उनकी बात सुने किचन गार्डन की तरफ चल दिया.. जो बंगले की बैक साइड में बना हुआ था।
 
उन सभी ने मृदुल को बंगले के पीछे की साइड जाते देखा तो वह लोग भी पीछे पीछे भागते हुए किचन गार्डन तक पहुंचे। वहां पहले से ही रुद्र और दो और लोगों को खड़ा देख उनका दिमाग खराब हो गया था।

 अवंतिका जैसे ही रूद्र को डांटने के लिए मुँह खोला.. रूद्र ने अपने मुंह पर उंगली रखकर उन्हें चुप रहने का इशारा किया और अपनी अंगुली से इशारा करते हुए उनका ध्यान उस खुदे हुए गड्ढे की तरफ खींचा। 
 
अवंतिका, अंजू और अधिराज तीनों ही उस गड्ढे के पास पहुंचे तो वहां पर किसी की लाश को देखकर सदमे में आ गए थे।  वह लाश न जाने कब से उस गड्ढे में दबी हुई थी। इस वक़्त तक लाश डीकंपोज होना शुरू हो गई थी। उस लाश में जगह-जगह कीड़े लग गए थे और बहुत ही ज्यादा बदबू आने लगी थी। बदबू की वजह से सभी ने अपने नाक पर रुमाल रखा हुआ था।

 मृदुल ने समर को देखते हुए इशारा किया तो समर आगे बढ़कर उस गड्ढे के पास पहुंच गया। वहां पर से समर ने खुदी हुई मिट्टी उठाकर एक पाउच में बंद की। उसके बाद आसपास घूम कर कुछ जांच पड़ताल करने लगा।

 10 मिनट के बाद जब समर साइड हटा तब मृदुल ने अपने साथ लाए हुए कॉन्स्टेबलों से कहकर लाश को गड्ढे से बाहर निकलवाया और उस लाश का पंचनामा बनाकर समर के साथ भिजवा दिया। 

 जब तक वो डेड बॉडी फॉरेंसिक लैब ऑटोप्सी के लिए पहुंचती.. तब तक गीत के न्यूज़ चैनल पर मर्डर की न्यूज़ डेड बॉडी की खुदाई के वीडियो के साथ ब्रेकिंग न्यूज़ में चल रही थी।

 जैसे ही वह न्यूज़ टेलीकास्ट हुई.. गीत ने मैसेज करके रूद्र को उस न्यूज़ टेलीकास्ट के बारे में बता दिया था।  गीत का मैसेज आते ही रुद्र के चेहरे पर एक विजयी मुस्कान बिखर गई। 

 रुद्र तुरंत ही एक कॉर्नर में गया और रुद्र ने कमिश्नर साहब को कॉल लगा दिया।  
"हेलो सर.. मैं रूद्र..!!"

 "हां..! हां..!! पहचानता हूं मैं तुम्हें रूद्र..! बोलो क्या बात है??"

 "सर.. आजकल करंट अफेयर्स की तरफ आपका ध्यान ही नहीं है! इसीलिए सोचा कि आपको बता दूं.. आप जरा न्यूज़ चैनल लगा कर ब्रेकिंग न्यूज़ तो देखिए!!" 

 कमिश्नर ने अपने लैपटॉप पर न्यूज़ चैनल ऑन किया तो वहां पर अनीता के मर्डर केस की न्यूज़ ब्रेकिंग.. न्यूज़ बनकर टेलीकास्ट हो रही थी। वह भी अनीता की डेड बॉडी की खुदाई के वीडियो के साथ। यह देखते ही कमिश्नर साहब के होश उड़ गए थे.. उन्होंने हकलाते हुए रूद्र से पूछा, "र..! रूद्र..!! यह तुमने क्या किया.. कम से कम मुझे बताया तो होता!!"

 "सर.. मैंने तो आपसे कल ही अरेस्ट वारंट मांगा था.. लेकिन आप ही ने मना कर दिया था और मैंने कहा भी था कि कल ही आप मुझे बुलाकर दीप और उसकी फैमिली के लिए अरेस्ट वारंट इशू करेंगे! अब देख लीजिए मुझे लगता है अब तो आपको अरेस्ट वारंट इशु करने में कोई प्रॉब्लम नहीं होगी!!" ऐसा कहकर रूद्र थोड़ा सा हँस दिया और कहा, "सर मैं आपके कॉल का वेट करूंगा..!!" 

"कॉल का वेट.. वह क्यों.. अब क्या चाहिए..??"  कमिश्नर ने लगभग चिल्लाते हुए पूछा। 

 "क्या सर..! आप बड़ी जल्दी भूल जाते हो..!! दीप और उसकी फैमिली का अरेस्ट वारंट अभी भी आपने  इशू नहीं किया है।  मुझे लगता है अब तो आपको देना ही होगा। नहीं तो.. उस न्यूज़ के साथ एक लाइन और ऐड हो जाएगी। वह यह कि देश के नेता, प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस के आला अधिकारी दीप को और उसकी फैमिली को इस केस से बचाना चाहते हैं। बाकी आपकी इच्छा है।"  ऐसा कहते हुए रूद्र ने फोन काट दिया।

 तब तक उस जगह की सारी जांच पड़ताल और घेराबंदी कर दी गई थी। पुलिस ने वो लाश ऑटोप्सी के लिए भिजवा दी थी।  रूद्र भी वहां से निकल गया।
 
दीप के सारे परिवार वाले वहां सदमे में खड़े उस जगह को घूर रहे थे। मृदुल ने उन्हें वहां से भेजते हुए कहा, "आप लोग यहां नहीं रुक सकते.. इसीलिए आप लोग वापस बंगले में जाइए और हां दीप साहब को भी जल्दी से जल्दी वापस बुला लीजिए!!  हमें उनसे पूछताछ करनी है और एक बात.. कोई भी इस बंगले से बाहर नहीं निकलेगा।" ऐसा कहकर मृदुल ने दो कॉन्स्टेबल दीप के बंगले के बाहर तैनात कर दिए। 
 
उसके बाद मृदुल भी वहां से पुलिस स्टेशन के लिए निकल गया। जैसे ही मृदुल और रूद्र पुलिस स्टेशन पहुंचे.. वहां ऑलरेडी मीडिया और प्रेस वालों की भीड़ जमी हुई थी।  चिराग बहुत कोशिशें करने के बाद भी उस भीड़ को नहीं संभाल पा रहा था।

 भीड़ ने जैसे ही मृदुल को देखा तुरंत सारे ही रिपोर्टर्स  मृदुल की तरफ दौड़ पड़े और उन्होंने सवाल करना शुरू कर दिया। मृदुल ने एक रहस्यमय और मंद मुस्कान के साथ रुद्र को देखा और तेजी से पुलिस स्टेशन के अंदर चला गया।

सभी न्यूज चैनलों पर अनीता मर्डर केस की न्यूज ही चल रही थी.. दीप द होटल किंग..! का अनीता से रिश्ता और अनीता की लाश का दीप के घर के किचन गार्डन से मिलना.. एक ही तरफ इशारा कर रहा था कि मर्डर में दीप और दीप के परिवार का ही हाथ था।

कमिश्नर ऑफिस में कमिश्नर और एसपी सिटी अशोक कुमार दोनों ही सर पकड़े हुए बैठे थे।

इस वक्त सभी न्यूज चैनलों पर टेलीकास्ट हो रही न्यूज सभी अधिकारियों और नेताओं ने सुनी थी और सभी ने फोन कर कर के कमिश्नर को परेशान किया हुआ था। सभी को आश्वासन और ज़वाब देते देते कमिश्नर को नानी याद आ गई थी। सभी नेता और प्रशासनिक अधिकारी दीप के साथ अपने रिश्ते को छुपाने की कोशिश कर रहे थे और वो लोग चाहते थे कि पुलिस  दीप के साथ उनके संबंधों से इन्कार कर दे।

हर कोई बस यही जाना चाहता था कि आज जो न्यूज़ सुबह से बार-बार फ्लैश हो रही थी.. उस बात में कितनी सच्चाई थी। सुबह से ही कमिश्नर के पास फोन्स का तांता लगा हुआ था।  सभी लोग बस अनीता मर्डर केस के बारे में ही जानना चाहते थे और साथ ही साथ यह भी जानना चाहते थे कि इस केस पर पुलिस क्या कार्रवाई कर रही थी।

रिपोर्टर्स ने तो बार बार ये पूछकर नाक में दम कर दिया था कि इस केस में पुलिस की क्या भूमिका थी.. सारे सबूत, गवाहों और लाश के दीप के ही घर में बरामद होने के बाद भी अभी तक किसी पर भी कोई कार्रवाही क्यों नहीं की गई। पंडित जी, मंदिर के बुजुर्गों ने न्यूज चैनल वालों को इंटरव्यू देकर जो भी रुद्र को बताया था वो सबकुछ कैमरा के सामने बताया।

सभी के इंटरव्यूज से पुलिस प्रशासन पर दीप के और उसके परिवार पर कार्रवाही करने का प्रेशर बढ़ता ही जा रहा था। रूद्र ने जो भी कुछ कहा था.. वो कर दिखाया था। इस केस को लेकर कमिश्नर पर दीप और उसके परिवार की गिरफ्तारी का दबाव बढ़ता ही जा रहा था।

दीप ने अभी तक भी वापस आकर पुलिस से संपर्क नहीं किया था.. इसी वजह से भी दीप और उसके परिवार पर लोगों का शक बढ़ता जा रहा था।

बिल्कुल सही कहते हैं अगर किसी की जिंदगी बर्बाद करनी हो तो उसके बारे में कोई खुफिया जानकारी मीडिया को तक पहुंचा दो.. बाकी का काम मीडिया खुद कर देती है। वही इस केस में भी हो रहा था। 

मीडिया ने पुलिस पर दीप और उसके परिवार को अरेस्ट करने का प्रेशर इतना ज्यादा बना दिया था कि कमिश्नर के पास भी दीप और उसके परिवार को अरेस्ट करने के अलावा कोई और चारा नहीं बचा था। 

 इन सब न्यूज़ रिपोर्ट्स को देखने के बाद दीप दौड़ता हुआ पुलिस स्टेशन आया था.. अब तक कमिश्नर ऑफिस से दीप और उसके परिवार के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी हो चुका था। 

 दीप के वहां वापस लौटते ही पुलिस ने दीप को भी गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस दीप से पूछताछ करने के लिए ले गई थी.. दीप के परिवार को भी तब तक अरेस्ट कर के लाया जा चुका था।

दीप और उसके परिवार को पुलिस स्टेशन लाया गया वहां सब से पहले उन सब को अलग अलग करके पूछताछ शुरू की सबसे पहले दीप के दादा से शुरुआत हुई। 

"अधिराज जी..!!जो लाश मिली है आपके घर से वह अनीता की है यह तो साबित हो ही चुका है.. पर उसको इतनी बेरहमी से मारने में दीप का साथ आप लोगो ने  क्यों दिया? मृदुल ने सवाल किया।

 "इंस्पेक्टर हम लोगों ने अनीता को नही मारा और ना ही दीप ने.. हम लोग तो तब घर पर भी नही थे..गुरू जी के आश्रम में गए थे। आप चाहे तो पता लगा सकते है..!" अधिराज ने थोड़ा घबराते हुए कहा।


"वह तो हम पता लगा ही लेगे.. आप लोग आश्रम गए थे या नही..? अपने पोते के बारे में क्या कहना चाहेंगे उसने अनीता को क्यो मारा?" मृदुल ने फिर वही सवाल कुछ घुमाते हुए पूछा।

"इंस्पेक्टर मैने कहा ना हम घर पर नही थे.. अकेला दीप ही घर में था। वह हमारे साथ नही गया था। मुझे नही लगता दीप ऐसा घिनौना काम कर सकता है.. वह बेकसूर है। आप लोग उसे जानबूझकर फंसा रहे है.. लेकिन आप लोग ऐसा कर क्यों रहे हैं.. वो मुझे समझ नहीं आ रहा।" अधिराज ने मृदुल के ही लहजे में ज़वाब दिया।

दूसरी तरफ चिराग दीप की दादी अवंतिका, माँ अंजु और बहन रिद्धि से पूछताछ करने की कोशिश कर रहा था। पर डरी सहमी रिद्धि किसी सवाल का जवाब नही दे रही थी। अवंतिका और अंजु ने बिना अपने वकील के पुलिस के किसी भी सवाल का जवाब देने से मना कर दिया था।

दूसरी तरफ रूद्र दीप से पूछताछ कर रहा था।
"तो बताइए दीप साहब..! आपने अपनी बीवी को क्यो मारा?" रुद्र ने सीधा ही सवाल किया।

"इंस्पेक्टर..! मैने अनीता को नही मारा.. आप मुझपर झूठा इल्ज़ाम लगाकर मुझे फंसाने की कोशिश कर रहे है?"

"पहली बात तो मैं इंस्पेक्टर नही हूँ..! एसीपी हूँ.. एसीपी रूद्र..!! लोग मुझे और मेरे कारनामों को बहुत अच्छे से जानते हैं.. तो मुझसे झूठ बोलने की तो सोचना भी मत।" रुद्र ने कहा।

और वैसे भी आपकी बीवी की लाश आपके घर के किचन गार्डन से मिली है... न्यूज में देखा ही होगा आपने..?? आपके घर से मर्डर के सुबूत मिले हैं उनके बारे में आपका क्या ख्याल है?" रुद्र ने पूछा।

"व..!वो..मेरे खिलाफ साजिश है किसी की.. मैं उस दिन घर पर भी नही था ऑफिस के काम के सिलसिले में कही बाहर गया था।" दीप ने अपने आपको बचाने की कोशिश करते हुए कहा।

"आपको क्या लगता है मिस्टर दीप..! हमने आपके बारे में जानकारी नहीं निकलवाई होगी। आपके उस दिन के सारे शेड्यूल की डिटेल्स हमारे पास है.. आपकी अपॉइंटमेंट डायरी के हिसाब से आप कही नही गए थे.. ब्लकि आप उस दिन और दिनों की तुलना मे अपने घर जल्दी ही पहुंच गए थे। इसलिए सच बताओगे तो आपके लिए अच्छा होगा वरना...?"

"वरना क्या इंस्पेक्टर..?? तुम मुझे धमकी देने की कोशिश कर रहे हों..अगर मैं चाहूं तो तुम सबकी वर्दी चुटकी बजाते ही उतरवा सकता हूं?" दीप ने बहुत ही एटीट्यूड से एक आईब्रो उठाते हुए कहा।

"यह वर्दी तेरे बाप ने नही दी है जो तुम उतरवा दोंगे.. और वैसे भी ये काम तो तुम चाहकर भी नहीं कर सकते..!" रुद्र ने बहुत ही शांति से कहा।

दीप ने कंफ्यूज्ड होकर रूद्र को देखा तो रुद्र ने मुस्कराते हुए कहा, "पहली बात तो ये कि फ़िलहाल मैं सस्पेंडेड हूँ.. और दूसरी बात यह कि हमारे पास पुख्ता सुबूत है तुम्हारे खिलाफ कि मर्डर तुम्हीं ने किया है?"

"क्या बकवास है इंस्पेक्टर..! मैने कोई मर्डर नही किया.. सुबूत झूठे भी बनाए जा सकते है किसी शरीफ इंसान को फंसाने के लिए?" दीप ने गुस्से से कहा.. इस वक़्त वह रुद्र को खा जाने वाली नजरों से देख रहा था।

" अरे यार.. !  अभी तो बताया कि मैं इंस्पेक्टर नहीं हूँ.. एसीपी हूँ.. वो भी सस्पेंडेड..! तो तुम्हारे ये तेवर मुझपर नहीं काम करने वाले। इतने बड़े बिजनेसमैन होकर भी मेरे बारे में जानकारी नहीं निकाली। मुझे ऐसे घूरकर देखने से कुछ नहीं होगा। वैसे जानकारी के लिए बता दूँ कि ये पुलिस स्टेशन है.. तुम्हारा घर नही..! तुमसे यहाँ जो भी सवाल किए जाएंगे उसका जवाब उतने ही प्यार से दो.. जितने प्यार से ये किए जा रहे हैं। चलो बताओ..!!खून कैसे किया तुमने?? तुम्हारे फिंगरप्रिट मिले हैं लाश से.. हर उस जगह से जहाँ-जहाँ तुमने अपनी बीवी अनीता को घसीटा और  पटका था?" रुद्र ने अपने गुस्से को काबू करते हुए पूछा।

"मै कुछ नही जानता इंस्पेक्टर..! दरअसल मैं अपने रूम पर्सनल रूम से ही बाहर नही निकला था। तो फिर मैं अपनी बीवी अनीता को कैसे मार सकता हूं.  मैने तो उससे सच्चा प्यार किया था?" रुद्र के हर सवाल का जवाब दीप घुमा फिराकर दे रहा था।

"क्या  बात करते हैं दीप साहब..! आपके प्रेम के किस्से तो ना जाने कहाँ कहाँ से और किस किस से सुनने को मिले हैं?? और जिससे भी सुनने को मिले हैं उन्होंने आपके प्यार की निशानियाँ अनीता की बॉडी पर चोट के रूप में देखी है.. तो आप अपना और हमारा ज्यादा समय बर्बाद ना करते हुए सब कुछ सच सच बता दीजिए। हम लोग अपने तरीके आप पर आजमाना नहीं चाहते हैं। वरना लोग अच्छे से जानते हैं कि पुलिस अगर चाहे तो मुर्दे के मुँह से भी सच निकलवा दे।" रुद्र ने कहा।

इतने पर भी दीप ने अपनी जबान नहीं खोली.. गुस्से से रुद्र ने दीप पर अपना हाथ साफ कर दिया लेकिन दीप के मुँह से एक शब्द भी नहीं निकलवा पाया.. हार कर रुद्र वहां से बाहर निकल गया।

तीनों ही ऑफिसर्स ने अपनी पूछताछ पूरी की और फिर बाहर आ गए।

"कुछ बताया दीप ने रुद्र..? अनीता का मर्डर कैसे किया या करवाया था? मृदुल ने पूछा।

"बहुत टेढ़ा आदमी है..यार..!! उस पर अपना हाथ भी साफ किया लेकिन टस से मस नही हुआ। बोल रहा है मुझे फंसाया जा रहा है।" रुद्र ने अपने सर पर हाथ मारते हुए कहा।

"उसके बाकी घरवाले भी कुछ नही बोल रहे.. वह तो ऐसे चुप है जैसे उनके मुंह सिल दिए गए हो? अवंतिका मैडम तो बिना वकील के मुँह खोलने को तैयार ही नहीं हैं।" चिराग ने कहा।

"कोई बात नही.. हमारे पास उन सबके खिलाफ पुख्ता सुबूत है बचकर कहां जाएगे.. सजा तो होकर ही रहेगी उनको?" मृदुल ने कहा।

"यार मेरा तो दीप की वजह से सिरदर्द करने लगा है.. चलो ना पहले चाय पीते है बैठकर।" रुद्र ने कहा।

रूद्र की बात सुनकर मृदुल और चिराग, मृदुल के साथ उसके केबिन की तरफ बढ गए।


दूसरे ही दिन दीप के वकील ने कोर्ट में उनकी जमानत की याचिका दाखिल कर दी थी। लेकिन अभी तक किसी भी तरह के चार्ज शीट दाखिल नहीं होने के कारण कोई भी कार्यवाही नहीं हुई थी। पुलिस ने हर एक बात इतनी बारीकी से उस केस में नोटिस करवाई थी कि दीप और उसके परिवार के बच निकलने की कोई भी गुंजाइश नजर ही नहीं आ रही थी। उनका वकील भी कोशिशें कर कर के हार गया था.. लेकिन ऐसी कोई भी राह नजर ही नहीं आ रही थी जिसकी वजह से दीप और उसके परिवार को बचाया जा सके।

 दीप और उसके परिवार के अरेस्ट होने के अगले ही दिन न्यूज़ में एक और ब्रेकिंग न्यूज़ फ्लैश कर रही थी और वो थी अनीता की ऑटोप्सी रिपोर्ट..!! 

उस रिपोर्ट के हिसाब से जिस दिन दीप ने अनीता की मिसिंग कंप्लेंट फाइल करवाई थी.. उसी के 1 दिन पहले अनीता का कत्ल किया गया था।  उसके कत्ल के लिए अनीता के सर को किसी भारी चीज़ या फिर किसी दीवार से दे मारा होगा.. या फिर किसी वज़ह से उसके सर पर भारी चोट लगी थी। पुलिस को मिले सबूतों के हिसाब से भी दीवार पर किसी चीज़ के टकराने के निशान इंफ्रारेड टॉर्च और कैमरा से क्लिक किए गए थे… जिनकी तस्वीरें पुलिस ने कोर्ट में सबमिट की थी।

और तो और दीप की घड़ी में से अनीता की साड़ी के धागों का मिलना, दीप के जूतों पर उसके किचन गार्डन की मिट्टी का मिलना.. और अनीता की लाश जहाँ दफनाई गई थी.. दोनों मिट्टियों का परफेक्ट मैच होना और दीप के कफ्लिंग का वहीँ से मिलना जहां लाश को दफनाया गया था।

 वकील का कहना ये था कि वो ही मिट्टी तो दीप के घर के गार्डन में भी थी.. लेकिन उन दोनों मिट्टियों में समानता होने का सबसे महत्वपूर्ण कारण था.. उस मिट्टी में नमक का मिलना।  और भी बहुत सी छोटी मोटी जानकारियां उस रिपोर्ट से मिली थी। लेकिन कुल मिलाकर उस रिपोर्ट के हिसाब से दीप ने हीं अनीता का कत्ल किया था और इस सब में दीप के खिलाफ सबसे मजबूत हथियार अनीता की वो डायरी थी.. जिसे पुलिस ने दीप के बंगले की किचन की दीवार से बरामद किया था। 

 एक-एक करके लगभग सारे सबूत सामने आ रहे थे। पुलिस ने हिरासत में दीप से कई बार जांच पड़ताल करने की कई बार कोशिशें थी।  बहुत ही ज्यादा इंटेरोग्रेशन करने के बाद भी दीप ने अपना जुर्म कबूल नहीं किया था।  

सभी लोगों का यही मानना था कि,  "दीप इसीलिए अभी तक अपना गुनाह कबूल नहीं कर रहा था ताकि मौका मिलते ही वो इस से अपने आप को बचाने का रास्ता निकाल सके।"

 लेकिन रुद्र, मृदुल और चिराग ने इस केस से बच कर बाहर निकलने का कोई भी रास्ता दीप और उसके परिवार के सामने नहीं छोड़ा था। 

 धीरे धीरे उन लोगों की उम्मीदें टूटती जा रही थी। कोर्ट में केस का ट्रायल शुरू हो गया था.. इसीलिए पुलिस ने भी मुस्तैदी दिखाते हुए अपना काम बहुत ही दक्षता से करना शुरू कर दिया था। 

 पुलिस ने सारे सबूतों और गवाहों को इतनी अच्छी सिक्योरिटी दी हुई थी.. जिससे दीप चाह कर भी गवाहों को खरीद नहीं पा रहा था। दीप के वकील ने सभी गवाहों से मिलकर उनसे बातचीत करना शुरू कर दिया था। लेकिन अनीता के कारण एक भी आदमी ने दीप और उसके परिवार का साथ देने से मना कर दिया।

 दीप का वकील उस वक्त तक समझ चुका था कि अब दीप को बचाने का कोई भी रास्ता नहीं बचा था। 

अंतिम सुनवाई पर पुलिस ने शंभू काका को पेश कर दिया था। जिनकी वजह से इस केस ने दीप की बची खुशी उम्मीद भी खत्म कर दी थी। जज साहब ने जब पूरा मामला सुना तो उन्होंने अच्छे से हर एक सबूत और गवाह पर गौर किया। और साथ ही साथ हर एक पहलू पर विचार करने के बाद उन्होंने दीप को दोषी पाया।

 दीप के और उसके परिवार के दोषी होने के कारण उन्हें अनीता मर्डर केस में सजा सुनाई गई। लेकिन कत्ल के वक्त केवल दीप ही बंगले पर मौजूद था.. इसीलिए अनीता की हत्या के आरोप में दीप को फांसी की सजा सुनाई गई।
 
बाकी परिवार वाले उस वक्त आश्रम में थे इसी बात का फायदा उन्हें मिला था। इसी के कारण उन सभी को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी।
 
कोर्ट का फैसला आने के बाद ही उन सभी को जेल में शिफ्ट कर दिया गया था।

 रुद्र, मृदुल और चिराग काफी दिनों बाद आज बहुत ज्यादा खुश नजर आ रहे थे।  होते भी क्यों ना.. बात ही ऐसी थी.. उन्होंने आज एक ऐसे इंसान को सजा दिलवाई थी जो इंसान बहुत ही ज्यादा पावरफुल और पैसे वाला था। लेकिन उसके कर्मों के कारण उसे सजा मिली थी।

 रूद्र, मृदुल और चिराग तीनों ही आज पार्टी करने वाले थे। शंभू काका दीप के भाई जीत के साथ दीप के बंगले पर वापस लौट गए थे.. क्योंकि इस पूरे केस में कोर्ट ने भी जीत को बेगुनाह मानते हुए बाइज्जत बरी कर दिया था।

 पूरी रात पार्टी करने के बाद मृदुल और चिराग दोनों ही थक कर सो गए थे। रुद्र को नींद नहीं आ रही थी.. इसीलिए वह अपने बेड पर बैठा कुछ सोच रहा था।

 कुछ ही देर में रुद्र की नजर उसके द्वारा बनाए गए.. अनीता मर्डर केस के चार्ट पर गई। पता नहीं क्यों..? इस बार चार्ट देखने के बाद रुद्र को कुछ अजीब सा महसूस हो रहा था।  जबसे रूद्र ने दोबारा वह चार्ट देखा था.. तभी से इस पूरे केस में एक बहुत ही जरूरी कड़ी छूटती हुई सी नजर आ रही थी।

रूद्र जिसने अपनी सूझबूझ और समझदारी से यह केस इतनी जल्दी सॉल्व कर दिया था.. जिससे पुलिस महकमा भी हैरान था। इस काम के लिए उसे काफी शाबाशियां मिली थी.. साथ ही साथ मृदुल और चिराग को भी बहुत ही तारीफें मिली थी।
 
मीडिया ने तो रूद्र, मृदुल और चिराग तीनों को एक हीरो ही बना दिया था।  एक ऐसा हीरो जो किसी से भी नहीं डरता था। जिसके लिए न्याय व्यवस्था ही सबसे ऊपर थी। न्याय की दृष्टि में ना कोई बड़ा और ना ही कोई छोटा था.. 
 
अनीता मर्डर केस सॉल्व करने के बाद रुद्र को जॉब पर वापस बुला लिया गया था। उसका सस्पेंशन ऑर्डर कैंसिल कर दिया गया था। मृदुल और चिराग को भी प्रमोशन मिली थी। इस प्रमोशन और जॉब पर आने के बाद तीनों को अलग-अलग जगह ट्रांसफर भी मिला था। जहां रुद्र की उसी शहर में पोस्टिंग हुई थी। 

 वही मृदुल को पास ही के शहर में ट्रांसफर मिली थी और चिराग उस बेचारे को तो ऐसी जगह पोस्टिंग मिली थी जहां पर कोई भी ट्रांसफर होकर जाना नहीं चाहता था।  असल में वो एक बहुत ही छोटा सा ग्रामीण इलाका था.. इसीलिए कोई भी वहां जाना नहीं जाता था। लेकिन चिराग के मना नहीं करने का कारण था.. चिराग का वहां उस थाने में थाना अधिकारी के रूप में कार्यभार संभालना। चिराग खुशी खुशी अपनी नई पोस्टिंग की जगह चला गया था।
 
जिस दिन यह तीनों अपनी अपनी पोस्टिंग की नई जगह ज्वाइन करने वाले थे.. उससे एक रात पहले तीनों इस शहर में लास्ट बार रुद्र के घर इकट्ठे हुए थे।

 तीनों ने उस दिन तीनों ने मिलकर बहुत ही ज्यादा हुड़दंग मचाया था। सारी रात नाचना, गाना और खाना पीना चलता रहा था।
 
रूद्र, मुदुल और चिराग एक बार फिर से रुद्र के बेडरूम में ही इकट्ठे थे। चिराग ने अभी भी अनीता वाले केस का चार्ट रुद्र के कमरे में लगा हुआ देखा तो उसने कंफ्यूज होकर रूद्र को देखते हुए पूछा,  "एक बात बता यह अनीता मिसिंग केस का.. सॉरी..! सॉरी..! अनीता मर्डर केस का चार्ट अभी तक भी यहां क्यों लगा है.. हटाया क्यों नहीं इसे…???"
 
दरअसल रूद्र,  मृदुल और चिराग तीनों ही सुबह से खाने-पीने और मस्ती करने में इतने थक गए थे.. कि उनके दिमाग और जीभ में कोई भी तालमेल ही नहीं रहा था। दिमाग पूरब सोच रहा था तो.. जीभ पश्चिम बोल रही थी और हालत तो सभी की इतनी ज्यादा खराब हो गई थी की सबको सुनाई दक्षिण दे रहा था।
 बस ऐसे ही हंसते मुस्कुराते वो लोग अपने ड्यूटी ज्वाइन करने से पहले के आखिरी सेलिब्रेशन में जमकर मजाक मस्ती कर रहे थे। 

चिराग की बात सुनते ही मृदुल ने भी प्रश्नवाचक नजरों से रूद्र की तरफ देखा और पूछा, "हां..! रूद्र अब तो यह केस सॉल्व हो गया है.. अब इस चार्ट का क्या काम..? एक काम करता हूं मैं ही इसे यहां से हटा देता हूं..!!"

 ऐसा कहकर मृदुल उस चार्ट को हटाने के लिए गया। अब तक जो रूद्र बहुत ही शांत और दिन भर से इतना ज्यादा खुश था.. मृदुल के उस चार्ट को हटाने की बात सुनकर ही रुद्र को थोड़ा सा गुस्सा गया था।

 मृदुल ने चिराग की तरफ देखा और उससे इशारों में ही रुद्र के इस बर्ताव का कारण पूछा।  चिराग ने भी अपने कंधे उचकाते हुए उस बारे में अपनी ना जानने की बात बताई।
 
रूद्र को ऐसे गुस्सा देखकर मृदुल ने उसके कंधे पर हाथ रखा और कहा, "ठीक है रुद्र हम इस चार्ट को नहीं हटाएगें.. लेकिन एक बात तो बताओ..? इस चार्ट में ऐसा क्या है.. जिसकी वजह से तुम इसे हटाने और साफ करने से मना कर रहे हो!!"

 यह सुनकर रूद्र थोड़ा सा परेशान हो गया और बोला,  "यार.. मुझे पता नहीं ऐसा क्यों लगता है कि अनीता मर्डर केस में ऐसा कुछ तो है.. जो हमारी नजरों से छूट गया है। माना दीप और उसका परिवार दोषी था.. लेकिन कुछ कारण तो था जिसकी वजह से वो लोग पकड़े गए।"

 मृदुल और चिराग दोनों ने इस वक्त रुद्र की बातें सुनकर यही कहा था, "रुद्र.. वह सभी लोग सच में गुनहगार थे। तुमने उन्हें पकड़वा कर कोई भी गलती नहीं की थी.. अगर वह लोग गुनहगार नहीं होते तो इतने सारे जो सबूत और गवाह हमें मिले हैं.. वह हम नहीं ढूंढ पाते। वह तो दीप और उसका परिवार ओवरकॉन्फिडेंस में आ गया था इसीलिए उन्होंने इन छोटी-मोटी चीजों पर ध्यान नहीं दिया। वरना अगर वो लोग ठीक से प्लान करके अनीता का मर्डर करते.. तो कम से कम 30 दिन लगते इस केस की गुत्थी को ही सॉल्व करने में और तब तक यह लोग अपनी पावर और पैसे का यूज़ करते हुए इस केस को रफा-दफा करवा देते।"

 मृदुल की बात रूद्र को समझ भी आ रही थी और उसका गिल्ट भी काम कर रही थी।  लेकिन अभी भी रूद्र का दिमाग उसी चार्ट पर अटका हुआ था। रूद्र ने उस चार्ट को नहीं हटाया और मृदुल और चिराग के साथ सब कुछ भूल कर हंसी मजाक में लग गया। 

 अगले ही दिन से तीनों दोस्तों ने अपने-अपने क्षेत्र में ड्यूटी जॉइन कर ली थी और वह भी इस वादे के साथ कि महीने में एक बार हम लोग चाहे कुछ भी हो जाए.. इसी तरह से इकट्ठे होंगे और अपने अपने एरिया में किये गए अपने कामों को सेलिब्रेट करेंगे। तीनों दोस्तों में इस बात को लेकर सहमति बन गई थी।  

रात काफी हो गई थी.. इसीलिए रूद्र, मृदुल और चिराग तीनों ही सो गए थे।

 अगले दिन सुबह सुबह मृदुल और चिराग अपने पोस्टिंग वाले एरिया के लिए निकल गए थे। रूद्र वह भी अपनी पुरानी जीवन शैली में आ चुका था। सुबह जल्दी उठकर वाॅक करना, एक्सरसाइज, डाइट और उसके केसेस..! इन्हीं में ही रुद्र का पूरा समय बीत रहा था।  लेकिन जब भी वह ड्यूटी से वापस घर आता और अपने में कमरे में जाता तो रुद्र को हमेशा से ही उस चार्ट में कोई तो कड़ी मिसिंग लगती थी। 

 रुद्र अधिकतर यह सोच कर शांत हो जाता था कि हो सकता हो यह रुद्र का भ्रम हो..!!

 इसी बीच रूद्र के पास कई कैसेज आए और रुद्र ने उन्हें अच्छे से सॉल्व भी किया।  लेकिन हमेशा उसके मन में अनीता मर्डर केस की ही छवि घूमती रहती थी।

 लगभग 6 महीने ड्यूटी करने के बाद एक दिन शंभू काका उसे ऐसे ही बाजार में घूमते हुए मिल गए थे। बातों बातों में अनीता का जिक्र निकल आया था।
 
"बेटा.. काश कि अनीता बिटिया जिंदा होती तो कितना अच्छा होता..? भले ही इन दुष्टों के साथ नहीं रहती पर संसार में कहीं तो जिंदा होती।  अनीता बिटिया की याद कभी-कभी बहुत ज्यादा ही दुख पहुंचाती है..!!" शंभू काका ने दुखी होकर कहा।

 रूद्र की हालत इस केस के बाद बुरी हो गई थी हमेशा गुमसुम और टेंशन में रहना.. छोटी-छोटी बातों पर चिढ़ जाना..रुद्र कहीं ना कहीं खुद को अनीता से जुड़ा हुआ महसूस करने लगा था... अनीता के लिए रुद्र के मन में एक सॉफ्ट कॉर्नर पैदा हो चुका था। शायद रुद्र अपने मन में कहीं अनीता को पसंद करने लगा था।तभी तो इस केस के खत्म होने के बाद भी रुद्र इस सब में अनीता को मिस कर रहा था और इसी वजह से वो कुछ चिड़चिड़ा हो गया था।

रुद्र के इस रवैये के कारण एक बहुत ही बड़े और काॅम्प्लीकेटेड केस में रूद्र से कोई बहुत बड़ी गलती हो गई थी.. जिसके कारण उसे एक बार फिर से सस्पेंड किया जा चुका था।

अभी जब शंभू काका रूद्र को मिले थे उसी दिन रूद्र को सस्पेंड किया गया था। शंभू काका की बात सुनकर रुद्र ने पूछा, "ऐसा हो सकता है काका... मुझे भी कोई ऐसी जगह बता दो जहां पर यह सारे झंझट मिट जाए!!" 

रूद्र के मुंह से ऐसी निराशाजनक बातें सुनकर शंभू काका थोड़े से दुखी हो गए थे।  उन्होंने चिंता करते हुए रूद्र से पूछा,  "क्या हुआ बेटा..? तुम इतने दुखी और मायूस क्यों नजर आ रहे हो??"

 शंभू काका की बात सुनकर रूद्र को बहुत अपनापन महसूस हो रहा था। उसने शंभू काका से कहा, "काका पता नहीं अब इस शहर में मन नहीं लगता.. कहीं दूर जाना चाहता हूं। लेकिन मैंने बचपन से ही पुलिस फोर्स जॉइन करने की सोची थी। उसी के चक्कर में कोई जगह ना तो सुनी और ना ही देखी.. जहां नौकरी ले गई वहीँ चला गया। ऐसी कौनसी जगह है वह जहां पर आदमी अपने आप को भूलकर बस वही का हो जाए।"

 शंभू काका अभी भी अनीता की यादों में खोए हुए थे और उन्होंने यादों में खोए हुए ही कहा, "गुवाहाटी..! तुम गुवाहाटी चले जाओ!!"

गुवाहाटी  का नाम सुनकर रूद्र एकदम से चौक गया और पूछा, "काका आप क्यों चाहते है कि मैं गुवाहाटी ही जाऊं..??"

 "वह क्या है ना बेटा.. अनीता बिटिया को गुवाहाटी में ही एक छोटा सा घर बनाकर रहना था। वह हमेशा कहती थी कि काका अगर मेरे बस में होता तो.. मैं सब कुछ छोड़ छाड़ कर गुवाहाटी की वादियों में अपना एक छोटा सा कॉटेज बनाकर वही रहती। लेकिन होनी को तो कुछ और ही मंजूर था.. भगवान को भी उसकी खुशियो कोई भी कदर नहीं थी.  तभी तो बिचारी की एक ही एक इच्छा थी वह भी अधूरी ही छुड़वा दी।"
रुद्र और शंभू काका ने वैसे ही बाजार में कुछ देर बातें की और अपने अपने घर चले गए। 

 रूद्र वापस आकर उसी चार्ट के सामने बैठा था। अचानक उसके दिमाग में कोई बात आई और उसने जीत को फोन लगाया।

 "हेलो जीत..!!"

 "हेलो..! आप कौन..??" सामने से आवाज आई। 

"जीत मैं रूद्र..! एसीपी रूद्र..!!"

 "हां पहचाना..! तुम कैसे हो आज बहुत दिनों बाद याद किया तुमने..!!" सामने वाला जीत रुद्र के ऐसे कॉल करने से आज बहुत ही खुश हो रहा था।  उसने बहुत ही गर्मजोशी से रूद्र से बात की और आने वाले संडे को रूद्र को डिनर के लिए अपने घर इनवाइट किया। इन्हीं बातों के साथ दोनों तरफ से कॉल डिस्कनेक्ट हो गई।

 रूद्र अभी भी उस चार्ट के सामने बैठा कुछ सोच रहा था।



 जल्दी ही संडे भी आ गया था। आज रूद्र वक्त से पहले ही तैयार होकर जीत के घर पहुंच गया। रनवीर इस बार भी रूद्र को वेलकम करने के लिए दरवाजे पर ही खड़ा था।

  रनवीर ने रूद्र को हाॅल में ले जाकर बिठाया और उसे चाय नाश्ता ऑफर करते हुए कहा, "रुद्र तुम चाय लोगे या कॉफी..! जीत भी अभी आता ही होगा।"

 ऐसा कहकर रनवीर भी रुद्र के पास ही बैठ गया और बातें करने लगा। इस रनवीर को देखकर रूद्र को बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि यह वही रनवीर था.. जो दीप के समय था।

रुद्र ने बातों-बातों मे हीं पूछा, "एक बात बताओ रनवीर.. तुमने तो अपने आप को बिल्कुल ही बदल दिया है। अगर कोई पुराने रनवीर को जानता हो.. तो वो इस रनवीर को तो पहचान ही नहीं सकता।"

 रुद्र की बात सुनकर रनवीर जोर से ठहाका लगाकर हंस पड़ा। रनवीर को इस तरह हंसते देख रुद्र को काफी अच्छा लग रहा था.. लेकिन यह भी बात उसे समझ आ रही थी इस वक्त में रुद्र के ऊपर ही नहीं सभी के ऊपर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा था। 
 
रूद्र को ऐसे सोच में खोया देख रनवीर ने उसे हिलाया और कहा, "तुम कहां खो गए..? मेरे बारे में जानना चाहते थे और अपने बारे में ही भूलते जा रहे हो??"

 यह बात भले ही रनवीर ने मजाक में कही थी लेकिन यह रुद्र के आज के जीवन की सच्चाई थी। 

रुद्र को ऐसे देख कर रनवीर थोड़ा सा परेशान हो गया और उसने पूछा, "कोई बात है रूद्र..! जो तुम इतना परेशान हो..??"

 रुद्र ने ना में सर हिलाते हुए मुस्कुरा कर कहा, "मैं तो बस तुम्हारे अंदर आए  इस चेंज के बारे में ही सोच रहा था।"

  रनवीर ने मुस्कुरा कर कहा, "यह सब चेंज तो जीत की वजह से है! दीप के जाने के बाद और जीत के साथ काम करने के बाद.. मुझे एहसास हुआ कि लाइफ में बहुत सारे इमोशंस होते है और जब भी जो इमोशन फील करो.. उसी टाइम उस इमोशन को एक्सप्रेस कर दो!!  इससे हम काफी रिलेक्स्ड रहते हैं।"

 ऐसा कहकर रनवीर हल्का सा मुस्कुरा दिया।  तब तक जीत भी बाहर से वापस आ गया था।

 जीत ने रुद्र को वहां बैठा देखा तो तेज कदम से रूद्र के पास पहुंच गया और कहा, "सॉरी रूद्र.. थोड़ा सा लेट हो गया। होप की तुम्हें बहुत ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा होगा।"

 "नहीं..! नहीं जीत ऐसी कोई बात नहीं है। इन फैक्ट अगर आज रनवीर नहीं होता.. तो शायद मैं जरूर बोर हो जाता।" ऐसा कहकर रूद्र मुस्करा दिया। 
 
जीत ने कहा, "तुम 10 मिनट दो मुझे.. मैं अभी फ्रेश होकर आता हूं!!"

 रुद्र ने हां में गर्दन हिलाई और जीत तेजी से अपने कमरे में फ्रेश होने के लिए चला गया। जीत जब फ्रेश होकर वापस लौटा तो कुछ देर इधर-उधर की बातें करने के बाद वो लोग खाना खाने बैठ गए।

 डिनर टेबल पर इधर-उधर की, राजनीति की, करंट अफेयर्स की बातें चल रही थी। इसी बीच पर्सनल लाइफ की बातें भी चलने लगी थी। 

इन बातों को सुनते ही रुद्र के दिमाग में फिर से अनीता मर्डर केस का चार्ट घूमने लगा था। रुद्र ने जीत से पूछा, "जीत क्या मैं तुमसे कुछ पूछ सकता हूं??"

 "हां..!! हां रूद्र..! बोलो ना.. तुम्हें कब से पूछने से पहले इजाजत की जरूरत पड़ने लगी??" जीत ने खाना खाते हुए कहा।

'अभी के लिए जो मैं तुमसे पूछने वाला हूं वह थोड़ा तुम्हें परेशान कर सकता है?? इसीलिए पूछना पड़ा।"
 
"नहीं..! कहो क्या बात है..??" जीत ने एकदम से परेशान होते हुए पूछा।
 
"मुझे अनीता के बारे में कुछ जानकारियां चाहिए!!" 

अनीता का नाम सुनते ही जीत और रनवीर थोड़ा सा सीरियस हो गए थे। जीत ने पूछा, "अनीता..! अनीता के बारे में क्या जानना चाहते हो??"

 "मैं दीप और अनीता मैरिज सर्टिफिकेट देखना चाहता हूं और अनीता की आईडीज भी देखना चाहता हूं।  होप कि इस बात पर तुम्हें बुरा नहीं लगा होगा।" रुद्र ने कहा।



क्रमशः....

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4 Comments

Punam verma

19-Jul-2022 04:06 PM

Suspense abhi bhi barkaraar hai ,.

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Seema Priyadarshini sahay

06-Jul-2022 07:28 PM

बहुत ही खूबसूरत

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Raziya bano

06-Jul-2022 04:23 PM

👌👌👌

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